उत्तराखंड प्रदेश मे बेरोजगारी को समाप्त करने के लिए सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है। वंही दूसरी ओर नकली दस्तावेज की एवज मे कई मुन्ना भाई सरकारी सेवा का लाभ वर्षो से लेते आ रहे हैं। एक ऐसा ही मामला प्रदेश के उधम सिंह नगर जनपद के जसपुर से सामने आया है। यंहा एक शिक्षक शिक्षा विभाग को 23 साल से चूना लगाने का काम कर रहा था।
जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा हरेंद्र कुमार मिश्र ने अपने आदेश में कहा है कि हरगोविंद सिंह की सहायक अध्यापक राजकीय प्राथमिक स्कूल रामजीवनपुर में मृतक आश्रित श्रेणी के अंतर्गत नियुक्ति सितंबर वर्ष 2000 में हुई थी और हरगोविंद सिंह ने नियुक्ति पाने के लिए हाई स्कूल, इंटरमीडिएट तथा अदीव ए कामिल जामिया उर्दू अलीगढ़ के प्रमाण पत्र लगाए थे जो कि फर्जी पाए गए। हरगोविंद सिंह की तैनाती पिता की मृत्यु के बाद सहायक अध्यापक के रूप में 2000 में हुई थी उसने फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक की नौकरी प्राप्त कर ली। बहरहाल आरोपित शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है।
कारण-
राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामजीवनपुर में जसपुर निवासी हरगोविंद सिंह की तैनाती पिता की मृत्यु के बाद सहायक अध्यापक के रूप में वर्ष 2000 में हुई थी। इन्होने नियुक्ति के दौरान हाईस्कूल, इंटर तथा अदीब, कामिल जामिया उर्दू अलीगढ़ के प्रमाण पत्र लगाए थे जो कि अब फर्जी बताये जा रहे हैं।