देहरादून। उत्तराखंड के ऋषिकेश में ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का कार्य इन दिनों तेजी से चल रहा है। इसके विपरीत रेलवे की सुरंग निर्माण में की जा रही ब्लास्टिंग के कारण लोगों के घरों में दरारें पड़ने लगी हैं। जिसके चलते लोगों को अब दूसरे के घरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। रेल परियोजना की सुरंग की खोदाई के चलते अब लोडसी ग्राम पंचायत के बिलोगी गांव में मकानों में दरारें आई हैं।
ग्रामीणों ने गांव के विस्थापन की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है जल स्त्रोत पूरी तरह सूख गए हैं। इसके अलावा रेलवे के कार्य में लगे हुए भारी भरकम वाहनों के कारण सड़कों का भी बुरा हाल हो गया है। आये दिन सड़क पर लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। इन परेशानियों को देखते हुए गुस्साए ग्रामीणों ने विस्थापन की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना था कि उनके गांव के नीचे से हो रहे सुरंग निर्माण में हैवी ब्लास्टिंग के कारण, मकान ही नहीं पूरी जमीन हिल रही है, जिसके चलते मकानों पर दरारें पड़ती जा रही हैं। लगातार हो रहे ब्लास्टिंग से गांव में रहना मुश्किल हो गया है। उन्होंने शासन-प्रशासन और रेलवे विकास निगम से गांव को अन्यत्र नजदीकी भूभाग में पुनर्वासित किए जाने की मांग की है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जब उक्त संबंध में पत्र प्रशासन और आरवीएनएल को बीते फरवरी में भेज दी थी, तो मौके का क्यों निरीक्षण नहीं किया गया। उक्रांद के केंद्रीय सचिव व स्थानीय निवासी सरदार सिंह पुंडीर, पूर्व प्रधान जगमोहन महर, अनिल चौहान आदि ने बताया कि सुरंगों में ब्लास्टिंग से गांव के पानी के प्राकृतिक स्रोत भी सूखते जा रहे हैं। कहा कि वह परियोजना का कतई विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि उनकी समस्याएं हल की जानी चाहिए।